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शनि का कुंभ में गोचर

शनि का कुंभ में गोचर,: कर्म फल या कर्म भोग (टाइम टु रीपेमेंट)

सीमा श्रीवास्तव

सौर मंडल के दूरस्थ और सर्वाधिक मध्यम गति से चलने वाले ग्रह, शनि का राशि परिवर्तन होने जा रहा है ,।अति विशाल ग्रह शनि अपनी एक परिक्रमा पूर्ण करने में 30 वर्ष का लंबा समय लेते हैं और भचक्र की प्रत्येक राशि में ढाई वर्ष प्रवास करते हैं।

मकर राशि में ढाई वर्ष व्यतीत करने के उपरांत 29 अप्रैल 2022 को 9:57 पर शनि महाराज का कुंभ राशि में गोचर, अनेक कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है । कलयुग को शनि का काल कहा जाता है ,और शायद ग्रहों में सर्वाधिक पूज्य शनि महाराज ही हैं । शनि का ढाई वर्ष का मकर में प्रवास कर्म गति का काल अर्थात कर्म को परखने का काल था । किंतु कुंभ में शनि का संक्रमण कर्म फल का काल होगा । विगत किए गए सभी कर्मों का लेखा, जोखा लेकर, कर्म फलों से लाभ या फिर पीड़ा पाने का काल ही, इस संक्रमण का सबसे चर्चित संवाद होगा ।इसीलिए ऊपर के शीर्षक टाइम टू रिपेमेंट का उल्लेख किया गया है।

29 अप्रैल 2022 को सुबह 9:57 पर कुंभ में शनि संक्रमण करेंगे ,जहां वह 5 जून 2022 को वक्री होकर, 12 जुलाई 2022 को पुनः मकर में संक्रमण करेंगे और फिर लंबे अंतराल के बाद पुनः 11 जनवरी 2023 को कुंभ में प्रवेश करेंगे।

कुंभ में शनि के संक्रमण के साथ ही धनु राशि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। मकर राशि की उतरती या अंतिम साढ़ेसाती की ढैय्या होगी। कुंभ राशि की मध्य ढैय्या और मीन राशि की साढ़ेसाती शुरू होगी।

इसी के साथ मिथुन और तुला राशि की शनि की ढैया समाप्त हो जाएगी और कर्क एवं वृश्चिक राशि की ढैया प्रारंभ हो जाएगी।

शनि जब कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो वहां पर पहले से ही मंगल ,राशि मध्य पर स्थित होंगे और राहु मंगल की राशि में होंगे, जिस पर शनि की पूर्ण दृष्टि पड़ेगी ।अतः शनि और मंगल के योग के , त्वरित रूप से, कर्म प्रभावी परिणाम प्राप्त होंगे, जो वैश्विक विशेषकर रूस और यूक्रेन युद्ध में विशेष भूमिका निभाएंगे । ( रूस और यूक्रेन युद्ध पर आने वाले अंक में चर्चा करेंगे )

शनि ,मंगल के कुंभ में योग से जहां एक ओर युद्ध ,अपराध, हिंसा , विवाद जैसी घटनाओं में वृद्धि होगी ।वहीं नौकरी ,व्यवसाय में संघर्ष और बाधा बढ़ेंगे । कार्य का बोझ शारीरिक और मानसिक रूप से शिथिल करेगा। विभिन्न प्रकार के कार्य निष्पादन में दिक्कतें आएंगी। दुर्घटनाओं के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता बढ़ेगी। वहीं दूसरी ओर विदेशों, विदेशी कंपनियों ,एमएनसी ,आईटी ,खनिज ,खनन, पेट्रोलियम, विदेशी संबंधों ,,कूटनीति और राजनीति के लाभ भी प्राप्त होंगे। कुछ स्थानों पर अन्न, धान्य,भोजन की कमी ,पानी की कमी होगी और दवाइयों तथा रसायनों की मांग बढ़ेगी और इससे जुड़े व्यवसाय के लोगों को लाभ होगा।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं ,एसिडिटी ,जोड़ों का दर्द ,नसों की समस्या, साइटिका ,कमर और उससे जुड़े हिस्से की तकलीफ, गॉलब्लैडर इत्यादि और अनेक प्रकार की मानसिक समस्याएं भी बढ़ती दिखाई देंगी । अति उत्तेजना ,क्रोध ,वाद विवाद, इत्यादि से बचने का प्रयास करें।

संपूर्ण जीवन के परिश्रम, अच्छाई, ईमानदारी, अथवा बुरे या नकारात्मक कार्यों ,या कर्मों के फल इसी काल में फलीभूत होंगे । सत्यनिष्ठ, ईमानदार, सज्जन, सदाशय, कर्मठ और परोपकारी व्यक्ति ,संस्थान या देश निश्चय ही इस गोचर से अत्यधिक लाभान्वित होंगे । वहीं दूसरी ओर दुराचारी ,निंदक ,चुगल खोर ,कपटी, आलसी तथा शारीरिक एवं मानसिक रूप से अपराधी ,छल प्रपंच करने वाले और धन के मामलों में कुटिल एवं बेईमान लोगों को कर्मों का प्रतिफल भी इसी काल में मिलेगा।

मेष ,सिंह और धनु राशि के लोगों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की अवहेलना ना करें ,वाणी पर संयम रखें ,और मूड खराब लगे ,तो बोलते समय विशेष सतर्क रहें । सिंह राशि के लोग अपने शब्दों का चयन ध्यान से करें ,और कटाक्ष करने से परहेज करें । धनु राशि के लोग बिगड़ते मूड को संभाले। ,काम व्यवसाय से लाभ होगा। किंतु दूसरों की व्यर्थ की आलोचना से बचें।

वृष, तुला और मीन राशि के लोग अपने कार्य अच्छे मन से करें, किंतु प्रतिदान में अधिक अपेक्षाएं ना पाले अन्यथा निराशा मिल सकती है । वाणी पर संयम रखें अन्यथा अपमान और अपयश का सामना करना पड़ सकता है । वृषभ राशि के लोग की भाग्य वृद्धि होगी ।धन की प्राप्तियां बढ़ेगी, किंतु नींद में विभिन्न कारणों से बाधा पड़ेगी। तुला राशि के लिए यद्यपि यह शुभ गोचर है ,किंतु अपनी मानसिक स्थिति को स्थिर एवं नियंत्रण में रखने के लिए मेडिटेशन अवश्य करें ।मीन राशि के लोग अपने खर्चों को नियंत्रित करने का प्रयास करें।

मिथुन ,कन्या एवं मकर राशि के लिए यह गोचर धन ,मान ,सम्मान एवं व्यवसाय में वृद्धि कारक होगा । मिथुन राशि वालों के‌ लिए यह लाभप्रद है। सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी , किंतु अधिक लाभ के लालच से बचने का प्रयास करें । कन्या राशि वालों‌की भागदौड़ और व्यस्तता बढ़ेगी। खाने-पीने विशेषकर ,बाहर के खाने का ध्यान रखें ।व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। पेट का ध्यान रखें । विदेशी कंपनियों से लाभ प्राप्त होगा । मकर राशि वालों के स्थान परिवर्तन तथा व्यवसाय परिवर्तन का योग बन रहे हैं। आर्थिक सबलता बढेगी ।साढ़ेसाती के उपाय करते रहे।

कर्क, वृश्चिक और कुंभ के लिए यह गोचर बहुत से मिले-जुले फल देगा। यदि नियमों और अनुशासन का पालन करते रहे, तो नकारात्मक प्रभावों से बचाव होगा । कर्क राशि वालों को मल्टीनेशनल कंपनियों, विदेशों, दूरसंचार, मीडिया से संबंधित कामों व संपर्कों से लाभ होगा । किंतु सेहत व खानपान का ध्यान रखें। वृश्चिक राशि वाले बार बार अनिर्णय की स्थिति से जुझ सकते हैं । पति पत्नी के संबंधों वह गृहस्थी के प्रति सतर्क रहें एवं बॉस से अच्छे संबंध बना कर रहे हैं । कुंभ राशि वाले पति, पत्नी आपसी संबंधों और अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें ।पार्टनरशिप से समस्याएं आ सकती हैं । साढ़ेसाती का ध्यान रखें। सर दर्द से परेशान हो सकते हैं ,अतः शांत रहने और नींद पूरी लेने का प्रयास करें।

जिन लोगों की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है, वे शनि के उपचार अपने दैवज्ञ या सलाहकार के बताए अनुसार करें । इसके अलावा साधना, भक्ति ,और परोपकार ही ऐसा मार्ग है जो जीवन यात्रा के हर मार्ग को सुगम बना देता है अतः उस से विरत ना हो। जय श्री कृष्णा।


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